नई दिल्ली, नवम्बर 4 -- बचपन में अपने पिता का बड़ा बल्ला थामकर क्रिकेट का ककहरा सीखने वाली हरमनप्रीत कौर के लिए 2 नवंबर की रात बेहद खास रही। न सिर्फ हरमनप्रीत कौर के लिए, बल्कि पूरे भारतवर्ष के लिए ये तारीख अमिट हो गई है, क्योंकि इसी दिन भारत ने पहली बार महिला क्रिकेट विश्व कप जीता था। खेल और जीवन में तमाम कठिनाओं का सामना करने वाली हरमनप्रीत कौर ने सपने देखना कभी नहीं छोड़ा और भारत को पहला महिला विश्व कप खिताब दिलाने के बाद वह खुद को आभारी मानती हैं। नवी मुंबई में रविवार को खेले गए महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत को 52 रन से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने युवाओं को सलाह दी, ''सपने देखना कभी बंद मत करो। आप कभी नहीं जानते कि आपका भाग्य आपको कहां ले जाएगा।'' हरमनप्रीत ने भारतीय क्...