नई दिल्ली, अगस्त 13 -- भाद्रपद मास की छठी तिथि पर महिलाएं अपनी संतानों की दीर्घायु के लिए हलषष्ठी व्रत रखती हैं। यह व्रत संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए किया जाता है। इस साल बनारस पंचांग के अनुसार भी व्रत 14 अगस्त को रखा जाएगा। इसी दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म उत्सव भी मनाया जाएगा। आपको बता दें कि हरछठ की पूजा दोपहर के समय में की जाती है। इसके लिए मध्य काल का समय देखा जाता है। मध्यकाल सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे के बीच में होगा। इस व्रत में कथा दोपहर में ही पढ़ी जाती है और पूजा के बाद आरती की जाती है। यह व्रत उत्तर प्रदेश, एमपी, छत्तीसगढ़ में खास तौर पर मनाया जाता है। हर जगह व्रत और पूजा की विधि अलग-अलग है। यह भी पढ़ें- हरछठ व्रत: कब लगेगी षष्ठी तिथि, हरछठ व्रत में कैसे की जाती है पूजा यह भी पढ़ें- जन्माष्टमी से पहल...