संभल, जुलाई 8 -- हरगोविंदपुर गांव में शुक्रवार को हुआ वह दर्दनाक हादसा, जिसने आठ जिंदगियों को लील लिया, अब भी परिवारों के सीने में ज़ख्म बनकर मौजूद है। जहां चार दिन पहले डीजे पर नाचते पांवों में नई ज़िंदगी की दस्तक थी, वहां अब सन्नाटा पसरा है। उस घर में जहां बारात की तैयारियां थी, अब हर चेहरे पर सिर्फ आंसू और गम है। घटना के तीसरे दिन भी गमगीन माहौल में ग्रामीणों ने जिंदगी को पटरी पर लाने का प्रयास किया। कुछ घरों में चूल्हे जले तो मृतक परिवारों में कपड़े उतारने की रश्म हुई। वहीं दुल्हन के पिता ने संबंधियों के साथ गांव पहुंचकर दूल्हे के पिता से शोक संवेदना व्यक्त की। बता दें कि थाना क्षेत्र के हरगोविंदपुर गांव में सुखराम पासी परिवार के साथ राजस्थान के भीलवाड़ा में रहकर परिवार के साथ मेहनत मजदूरी करने का काम किया करते थे। छह माह पहले सूरज की...
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