मेरठ, मई 9 -- मेरठ। प्रमुख संवाददाता 1857 की खास बात यह है कि इसमें पूरा भारत एकजुट था। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई सहित सभी संप्रदाय सबसे आगे थे। सबने एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ इस क्रांति की शुरुआत की और पूरा काफिला दिल्ली के लिए रवाना हुआ। 11 मई को यह काफिला बहादुर शाह जफर के नेतृत्व में आगे बढ़ा। हमारी ताकत किसी से कम नहीं है, लेकिन हम शांति के प्रेमी हैं। कोई हमें कमजोर न समझे। हम अपने देश के लिए बलिदान दे सकते हैं। हमारा देश आतंकवाद को खत्म करने को हमेशा तैयार है। ऑप्रेशन सिंदूर इसका उदाहरण है, जो साबित करता है कि हम और हमारे जवान किसी से नहीं डरते। आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सीसीएसयू कैंपस के उर्दू विभाग में '1857 से 1947 तक स्वतंत्रता आंदोलन विषय पर संगोष्ठी में उक्त बात प्रो. असलम जमशेदपुरी ने कही। प्रो. कृष्ण...
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