नई दिल्ली, अप्रैल 15 -- महिलाओं के साथ घरेलू उत्पीड़न एवं दहेज की मांग को लेकर हिंसा किए जाने के आरोपों में सेक्शन 498ए के तहत कार्रवाई की जाती है। ऐसे मामलों में अकसर आरोप लगते हैं कि इस महिला पक्ष की ओर से बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है और यह पुरुषों को परेशान करने के लिए एक हथियार बन गया है। ऐसी ही दलीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट में भी एक अर्जी दाखिल की गई, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया। अर्जी में कहा गया कि सेक्शन 498A, जो महिलाओं के खिलाफ क्रूरता को अपराध करार देता है, वह समानता के अधिकार का भी उल्लंघन करता है। इस पर अदालत ने कहा कि सेक्शन 498A से संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं होता। यह समानता के अधिकार के खिलाफ नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. के. सिंह की बेंच के समक्ष जो अर्जी आई थी। उसमें कहा गया था कि वैवाहिक मामलों ...