बुलंदशहर, अप्रैल 24 -- हम पाकिस्तान से 12 साल बाद खुशी-खुशी आए थे कि यहां खूब एंजॉय करेंगे। हमें नहीं पता पहलगाम में कौन आतंकवादी है, किसने किया क्या किया? जिसने भी किया बहुत बुरा किया। अल्लाह ताला सब देख रहा है। अल्ला बहुत बड़ा है, वो देख रहा है ये जो भी हैं, मुसलमान हों या हिन्दू। हमें दिली तकलीफ हो रही है। हम खुशी-खुशी आए थे और अब रोते हुए जा रहे हैं। हम यहां नुमाइश देखने आते थे। बहुत ही दुख की बात है, कोई भी इस घटना से खुश नहीं है। ऊपरवाला बेहतर करे दोनों मुल्कों के रिश्ते कायम रहें। यह अल्फाज पाकिस्तानी महिलाओं के हैं। बुलंदशहर में यह महिलाएं अपने रिश्तेदार के घर आई थीं। अभी कुछ दिन ही बीते थे कि आतंकवादियों के नापाक हरकतों से उन्हें वापस पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है। गुरुवार को बुलंदशहर से बाघा-अटारी बॉर्डर के लिए रवाना होते समय रुदाब...