नई दिल्ली, दिसम्बर 12 -- नौ महीने से अधिक की गर्भवती, थकी हुई और टूटी-सी लेकिन भीतर कहीं सुलगते आक्रोश के साथ 26 साल सुनाली खातून गुरुवार को जब आपबीती सुना रही थीं तो उनकी आवाज बार-बार कांप रही थी। उन्होंने आंसू रोकते हुए कहा, "मैं अंदर से थक चुकी हूं। सबसे बुरा यह है कि सारे कागज दिखाने के बाद भी किसी ने हमारी नहीं सुनी।" आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के पैकार गांव की रहने वाली सुनाली को इस साल जून के आखिर में दिल्ली के रोहिणी इलाके में हुई पहचान सत्यापन की कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिया गया था। एक घरेलू कामगार सुनाली ने बताया कि वह और उनके पति दानिश शेख पुलिस के सामने आधार, पैन, राशन कार्ड सब लेकर खड़े थे। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने उसी रात व्हाट्सऐप पर ससुराल के कागज भी तुरंत मंगवाकर दिखाए। क...