नई दिल्ली, मार्च 21 -- अमेरिका के जार्जटाउन यूनिवर्सिटी में रिसर्चर बादर खान शूरी को अमेरिकी कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने सूरी के निर्वासन पर अस्थाई रोक लगा दी है। सूरी के ऊपर आरोप था कि उसने हमास समर्थक काम किए थे और सोशल मीडिया पर एंटी सेमिटिज्म को बढ़ाने का प्रयास किया था। सूरी की गिरफ्तारी ऐसे समय में की गई है जब अमेरिका अकादमिक जगत में यह आशंका बढ़ गई है कि अमेरिकी राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल में रिसर्च और फ्रीडम ऑफ स्पीट को चुनौती दी जा रही है। सूरी की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए, वकील ने उनकी रिहाई की मांग की। वकील ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे टारगेटेड और बदला लेने के उद्देश्य से की गई कार्रवाई बताया। वकील ने दलील दी कि इसका एकमात्र उद्देश्य ऐसे लोगों की आवाज को दबाना है जो फिलिस्तीनी अधिकारों का समर्थन करते ...
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