गिरडीह, जुलाई 13 -- सुधीर द्विवेदी, झारखंडधाम, प्रतिनिधि। कलकल निनाद करती दक्षिणवाहिनी इरगा नदी के तट पर हरी भरी वादियों से अच्छादित सुरम्य तीर्थस्थल झारखंडधाम कई पौराणिक और दंत कथाओं को अपने अंदर सहेजे हुए है। जमुआ प्रखंड के सरहद पर अवस्थित इस पर्यटन स्थल को इरगा नदी धनवार प्रखंड से अलग करती है। ईरगा नदी धनवार प्रखंड में पड़ती है। हीरोडीह थाना क्षेत्र में अवस्थित है झारखण्डधाम लेकिन जमुआ और परसन थाना क्षेत्र के बॉर्डर को छूता है। इसलिए झारखन्डधाम में तीनों थाना की चौकसी रहती है। यही कारण है कि यह जगह दिन और रात में भी सुरक्षित हैं लोग यहां रात में भी शादी विवाह के मौसम अथवा पूर्णिमा या अन्य त्योहारों पर आते रहते हैं। 400 वर्षो पूर्व यहां आम लोगों द्वारा पूजा शुरू की गई। पुराने लोग बतलाते हैं झारखंडी नामक चरवाहे ने शिवलिंग को कोरा पत्थर स...