जशपुर, सितम्बर 25 -- संदीप दीवान, नवरात्रि उत्सव पर पूरा देश मां दुर्गा की भक्ति में डूबा है, वहीं छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अलग परंपरा देखने को मिलती है। यहां राक्षसराज महिषासुर की भी पूजा की जाती है। इस समुदाय के लिए महिषासुर कोई असुर नहीं, बल्कि उनके पूजनीय पूर्वज है। यह अनूठी परंपरा न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत में हर समुदाय की अपनी मान्यताएं और विश्वास हैं, जो उनकी पहचान को और भी खास बनाते हैं। तो आइए, हमर छत्तीसगढ़ की इस कड़ी में जानते हैं इस अनोखी परंपरा और इसके पीछे की मान्यता के बारे में। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के मनौरा विकासखंड में एक अलग ही परंपरा देखने को मिलती है। यहां जनजातियों का एक समुदाय है, जो खुद को राक्षसराज महिषासुर का वंशज बताते हैं। समुदाय के लोग महिषासुर ...
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