लखनऊ, अक्टूबर 1 -- 'बिन पूंछे पूंछ घुमा कपि ने उद्यान उजाड़ा सारा, अब निपूंछा करो इसे यह है आदेश हमारा..... लंका पति रावण का यह आदेश मिलते ही राक्षस हनुमान जी की पूंछ में आग लगा देते हैं। हनुमान जी कहते है कि हे दुष्ट रावण अब यही पूंछ तेरे अभिमान को चूर-चूर कर देगी। हनुमान जी अपनी पूंछ से पूरी लंका में आग लगा देते हैं और सोने की लंका धूं-धूं कर जल उठती है। सेक्टर-ए सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रही रामलीला के चौथे दिन मंगलवार को लंका दहन की इस मनोहारी लीला का मंचन किया गया। लंका दहन का दृश्य देख दर्शकों ने हनुमान के चरित्र की प्रशंसा की। समिति के महामंत्री जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि कलाकारों ने श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध, सीता की खोज से लेकर लंका दहन तक की लीला का मंचन किया। सती सुलोचना का पतिव्रत धर्म देख नम हुईं आंख...
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