गोपालगंज, अप्रैल 8 -- हथुआ,एक संवाददाता स्थानीय प्रखंड के कांधगोपी गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के आठवें दिन की कथा में कथा वाचक डॉ. रामाशंकर नाथ जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण व माता रुक्मिणी की विवाह कथा का वर्णन किया। विवाह झांकी भी प्रस्तुत की गई,जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। प्रवचन के दौरान श्री महाराज ने कहा कि भगवान् तो आदर्श बतलाते हैं कि सेवा करना पत्नी का धर्म है। पति में ईश्वर भाव न रखने वाली नारी के इहलोक और परलोक दोनों बिगड़ते हैं। यदि स्त्री घर का काम और कुटुम्ब के सभी लोगों की सेवा करते-करते रामनाम लेती रहे तो मन्दिर में जाने की जरूरत नहीं रहेगी। जो मुक्ति योगियों को मिलती है,वही मुक्ति उन स्त्रियों को अनायास मिलेगी। पतिव्रता नारी तो अनसूया की भांति भगवान् को भी बालक बना सकती है। प्रभु ने अपने सम्मुख आई...