नई दिल्ली, जुलाई 4 -- पंजाब में पटियाला जिले के धैनथल गांव में बीते मंगलवार को 102 वर्ष की आयु में राम कृष्ण सिंह का निधन हो गया। वे साल 1947 के भारत-पाकिस्तान बंटवारे के अंतिम जीवित लोगों में से एक थे। उनका जीवन सांप्रदायिक हिंसा की भयावहता के साथ-साथ उस दौर में नफरत के बीच साहस और करुणा की मिसाल था। राम कृष्ण उस समय लगभग 24 वर्ष के थे, जब भारत का दो राष्ट्रों में विभाजन हुआ और पंजाब में हिंसा फैल गई। उनके पिता जियोना सिंह बढ़ई और बैलगाड़ी बनाने का काम करते थे। अगस्त 1947 में उनके गांव में ही भीड़ ने उन्हें मार डाला, क्योंकि उन्होंने अपने पैतृक घर को छोड़ने से इनकार कर दिया था। यह भी पढ़ें- यह मनी लॉन्ड्रिंग का क्लासिक केस, कोर्ट में ED की दलीलें;अब सोनिया-राहुल की बारी यह भी पढ़ें- भाजपा को मिल सकती है पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, रेस ...
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