बस्ती, जनवरी 28 -- बस्ती, हिन्दुस्तान संवाद। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कमलेश कुमार की अदालत ने गुरु-चेला बनने के विवाद को लेकर मेंहदावल थाने के 22 साल पुराने मामले में एफआईआरकर्ता बर्खास्त सिपाही को ही अपराधी मानते हुए आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष शासकीय अधिवक्ता हयात मोहम्मद ने कोर्ट में बताया कि घटना संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल थानाक्षेत्र के सुनिहवा गांव रविदास मंदिर की है। मंदिर के बुजुर्ग पुजारी संत तुलसीदास इसी गांव के रहने वाले थे। वह रविदास मंदिर बनवाकर और साधु बनकर पूजा-अर्चना करने लगे। 27/28 फरवरी 2003 को उनकी कुटी पर ही चाकू से गोदकर उनकी हत्या कर दी गई। इसी गांव के उदयराज ने केस दर्ज कराया था। वादी का कहना था कि कुबेरनाथ मंदिर मेंहदावल के पुजारी नागा बाबा से तुलसीदास की दुश्मनी थी और उन्होंने ही...