नई दिल्ली, सितम्बर 8 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। रोहिणी जिला अदालत ने हत्या के प्रयास मामले में स्पष्टीकरण के लिए उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है। जांच में कमियां सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश निशा सहाय सक्सेना की अदालत ने पाया कि आरोपपत्र चार मई, 2025 को दायर किया गया था। लेकिन हादसे में घायल व्यक्ति का मूल चिकित्सा-कानूनी प्रमाण पत्र (एमएलसी) अभी तक रिकॉर्ड में नहीं रखा गया है। यह भी ध्यान दिया गया कि आरोपपत्र में आरोपी सुजल की भूमिका का उल्लेख नहीं है, जिस पर घायल व्यक्ति पर गोली चलाने का आरोप है। उसे अभी तक गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। जांच अधिकारी की चूक के कारण अन्य आरोपियों की जमानत में देरी हो रही है। अगली सुनवाई 18 सितंबर ...