नई दिल्ली, जुलाई 29 -- जब शिक्षा केवल नौकरी का माध्यम नहीं बल्कि समाज निर्माण का उपकरण बन जाए, तब ऐसे शिक्षकों का जन्म होता है जो एक पूरी पीढ़ी को दिशा दे सकते हैं। ऐसे ही एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं सौरव झा, जो न सिर्फ एक शिक्षक हैं बल्कि विद्यार्थियों के जीवन को नया आकार देने वाले वास्तुकार भी हैं। उनकी संस्था TCH Eduserv आज एक ऐसी शैक्षणिक क्रांति का केंद्र बन चुकी है, जो हज़ारों युवाओं के भविष्य को आकार दे रही है। उनके समर्पण और दूरदर्शी मार्गदर्शन के कारण छात्र न सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होते हैं, बल्कि एक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी समाज में अपनी भूमिका निभाते हैं। शिक्षा जगत में उनका योगदान मिसाल बन चुका है, और उनके सान्निध्य को छात्र अपना सौभाग्य मानते हैं। शिक्षा समाज का वह स्तंभ है जो एक मजबूत राष्ट्र की नींव ...