बलरामपुर, जुलाई 14 -- गैंड़ास बुजुर्ग, संवाददाता। उतरौला के सुभाष नगर स्थित अज़ीज़ जाफरी के आवास पर मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को इस्लामी स्कॉलर एवं शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जर्नल सिक्रेटरी डॉ यासूब अब्बास ने संबोधित किया। मजलिस में लोगों को दीन-ए-इस्लाम के बारे में जानकारी दी गई। डॉ यासूब अब्बास ने कहा कि अल्लाह ने कुरान पाक में कहा है कि मैं एक छिपा हुआ खज़ाना था। जब मैंने चाहा कि मैं पहचाना जाऊं तो मैंने मुहम्मद और आले मुहम्मद को दुनिया में भेजा। ईमाम हुसैन की मजलिस के द्वारा हज़रत आदम से लेकर आखरी नबी मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तक का ज़िक्र होता है। उन्होंने कहा कि मुहम्मद मुस्तफा ने तमाम मुश्किलों का सामना करके दीने इस्लाम दुनिया में फैलाया और हज़रत ईमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में दीने इस्लाम को अपना खून देकर बचाया। ...
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