मुरादाबाद, जून 29 -- मोहर्रम की तीसरी तारीख को भी मजलिसों का दौर चलता रहा। पहली मजलिस लाकड़ीवालान में मरहूम अली यावर के मकान पर हुई। इसे मौलाना हसन मुज्तबा नकवी ने खिताब फरमाया। मजलिस में हाजी शबी हैदर ने मर्सिया खुवानी की। मौलाना हसन मुज्तबा ने मजलिस को खिताब करते हुए करबला में इमाम हुसैन पर हुए जुल्मों ज्यादतियों का जिक्र किया। करबला में इमाम हुसैन के करीबी दोस्त रहे हजरत मुस्लिम की शहादत बयान की। जिसको सुनकर अजादारों ने हाय हुसैन हाय हुसैन की सदाएं बुलंद की। लोग गमगीन हो गए। मौलाना ने कहा यजीद की ज्यादतियों से सभी मुसलमान आहत हैं। यही वजह है कि आजतक कोई भी मुसलमान अपने बच्चें का नाम यजीद के नाम पर नहीं रखता। जबकि हुसैन का नाम हर घर में जोर शोर से लिया जाता है। इस दौरान हाय हुसैन हाय हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। मजलिस के बाद आसिम यावर ने...