लखनऊ, दिसम्बर 11 -- हजरत मोहम्मद साहब की बेटी हजरत फातिमा जहरा की विलादत की पूर्व संध्या पर गुरुवार को शहर में कई जगह महफिलों और नज्रों नियाज का आयोजन हुआ। महफिलों में शायरों ने अपने कलाम से नजराना पेश किया। इमामबाड़ा गुलाम हुसैन बिलग्रामी तोपखाना बालागंज में बज्मे अजाये हुसैन बिलग्राम के तत्वाधान में एक तरही महफिल का आयोजन किया गया। महफिल को मौलाना डा. सैयद काजिम मेंहदी ने खिताब किया। महफिल की अध्यक्षता शायरे अहलेबैत अहमद सज्जाद व संचालन अफजाल रुदौलवी ने किया। मौलाना ने हजरत फातिमा जहरा की फजीलत व अजमत बयान करते हुए कहा कि जब जनाबे फातिमा आती थीं, तो हजरत रसूले खुदा उनकी ताजीम में खड़े हो जाते थे। इसके बाद शायर अशफाक सेथली, अफरोज दतयावी, जकी भारती, आसिफ, वाकिब, रियाज मोहानी, शादाब जौनपुरी, रजा सेथली, हुसैन भदोही, खारीब, नोमान सीतापुरी, अंज...