मुरादाबाद, जून 28 -- दो मोहर्रम को मजलिसों में हजरत इमाम हुसैन के मदीने से कर्बला पहुंचने का जिक्र सुनाया गया, तो आजादारों की आंखें नम हो गई। शनिवार को दो मोहर्रम पर शिया समुदाय के इमामबाडों और आजाखानों में मजलिसों का आयोजन किया गया जोकि देर रात तक चला। मजलिस को खिताब करते हुए अख्तर रजा रिजवी, गुलाम मेहंदी नकवी, मोहम्मद हाशिम नकवी, काशिफ अब्बास काजमी कहा कि नवासे रसूल हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत और इस्लाम को बचाने के लिए अपने प्यारे नाना का वतन छोड़ दिया और ज़ब हजरत इमाम हुसैन मदीने से मक्का पहुंचे तो हाजियो के भेष में यजीदी फौज वंहा पहुंच गईं। तब हजरत इमाम हुसैन ने हज को उमरे में तब्दील करके वहां से रवाना हो गए, और आपने हिंदुस्तान आने का इरादा कर लिया, लेकिन यजीदी फौज उनको घेर कर क़र्बला इराक ले आई। हजरत इमाम हुसैन का काफिला दो मोहर्रम को क़...