कानपुर, अक्टूबर 5 -- सूटरगंज स्थित मस्जिद में रविवार को हजरत अली (अस) के बेटे इमाम हसन असकरी (अस) की विलादत (पैदाइश) के मौके पर रूहानी महफिल सजाई गई। निज़ामत अबूजर काजमी ने की। सदारत डॉ. ज़ुल्फ़िकार अली रिज़वी ने कहा कि इंसान को हमेशा अल्लाह के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर इंसान को अपनी जिदगी का रोजाना हिसाब लेना चाहिए। हमने क्या अच्छा किया और कहां पर हमसे गलती हो गई। जनरल सेक्रेटरी नाज आलम ने शुक्रिया अदा किया। आखिर में पुरस्कार वितरण किया गया।

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