बिजनौर, जनवरी 29 -- शहर में हजारों ई-रिक्शा धड़ल्ले से दौड़ रही है, जबकि परिवहन विभाग के रिकार्ड़ के काफी कम है। अधिकांश ई-रिक्शा बिना फिटनेस के धड़ल्ले से सड़क पर दौड़ रही है। विभाग की ओर से हर दो साल में फिटनेस कराने का नियम है। लेकिन ई रिक्शा का फिटनेस नहीं हो रहा है। जनपद में करीब 15 हजार से अधिक ई-रिक्शा संचालित की जा रही है। जबकि अकेले बिजनौर शहर में ही करीब 4 हजार ई रिक्शा दौड़ रही है। जबकि परिवहन विभाग में 9 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत है। परिवहन विभाग में ई-रिक्शाओं का पंजीकरण होता है। ऐसे में नये वाहनों को हर दो साल में फिटनेस कराने का नियम है। जबकि आठ साल बाद हर साल फिटनेस का नियम बनाया गया है। विभाग से फिटनेस की फीस 600 रूपये है। लेकिन फिटनेस में ई रिक्शा चालक फिसडडी फेल साबित हो रहे है। फिटनेस न कराने से विभाग को तो राजस्व का नुकसान हो ही...
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