प्रयागराज, जून 9 -- प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता। झूंसी स्थित गोविन्द बल्लभ पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान में 'गुणात्मक और अंतःविषयी अनुसंधानः ज्ञान प्रणाली, विधियां और सामाजिक प्रभाव विषय पर चार दिनी कार्यशाला का शुभारंभ सोमवार को हुआ। संस्थान के निदेशक प्रो. बद्री नारायण ने समावेशी और संधारणीय नीति विमर्श को आकार देने में स्वदेशी ज्ञान व दर्शन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा किसी भी समाज की ज्ञानमीमांसा उसके स्थानीय तत्वों से बननी चाहिए। बेसल विश्वविद्यालय स्विटजरलैंड के प्रो. मैनफ्रड मैक्स ने पारंपरिक शोध ढांचे पर पुनर्विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को हमें यूरोपियन नजरिए से देखना बंद करना होगा, जिसे हम उससे विकास में सहयोग के आकांक्षी के रूप में देखते हैं। हमें भारत की क्षमता, ज्ञान व सामर्थ्य की धरती के रूप में देख...