अलीगढ़, दिसम्बर 1 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। जिले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे। अवैध अस्पतालों के संचालन, निरीक्षण में ढिलाई और शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालने की संस्कृति ने व्यवस्था को खोखला कर दिया है। शासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि तक लगातार शिकायतें भेजते रहे, पर कार्रवाई कागजों से बाहर निकलती नहीं दिखी। कई अस्पतालों में गंभीर खामियां उजागर होने के बावजूद विभाग केवल नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेता है। सीएमओ कार्यालय और संचालकों के बीच सांठगांठ के आरोप इतने गहरे हैं कि अवैध अस्पताल फल-फूल रहे हैं और मरीजों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। निजी अस्पतालों की मनमानी पिछले कई वर्षों से चरम पर है। मानकों की खुलेआम अनदेखी, बिना योग्य स्टाफ इलाज, गंदगी और अव्यवस्थाएं आम बात हो चुकी हैं, ले...