नई दिल्ली, मार्च 28 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि 'किसी भी स्वस्थ समाज और लोकतंत्र के लिए अभिव्यक्ति की आजादी जरूरी है और हर हाल में इसकी रक्षा होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा है कि विचारों और दृष्टिकोणों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बगैर संविधान के अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत एक सम्मानजनक जीवन जीना संभव नहीं है। जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कांग्रेस नेता व राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमा को रद्द करते हुए यह फैसला दिया है। पीठ ने कहा कि 'नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना अदालत का कर्तव्य है। जस्टिस ओका ने कहा है कि साहित्य और कला जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं और गरिमापूर्ण जीवन के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है। इ...