संजय कुमार, दिसम्बर 8 -- ऑटो और ई-रिक्शा लोगों के लिए आजीविका का साधन बन रहे हैं। खासकर कोरोना काल (2020) के बाद बिहार में ऑटो और ई-रिक्शा की जमकर खरीदारी हुई है। कम वेतन में निजी कंपनियों में काम कर रहे लोग भी अब ऑटो और ई-रिक्शा खरीदकर स्वरोजगार की राह पर चल पड़े हैं। आलम यह है कि अब तक (7 दिसम्बर 25) हुई ई-रिक्शा की खरीद में 88 फीसदी पिछले पांच सालों में बिके हैं। इसी तरह पिछले पांच सालों में ऑटो अब तक के तिहाई बिके हैं। परिवहन विभाग के अनुसार बिहार में अब तक तीन लाख छह हजार 544 ई-रिक्शा की खरीद हो चुकी है। कोरोना वाले वर्ष 2020 में मात्र 11 हजार 854 ई-रिक्शा की खरीदारी हुई, लेकिन इसके अगले वर्ष 2021 में 19 हजार 744 ई-रिक्शा खरीदे गए। वर्ष 2022 में जब कोरोना का प्रभाव बहुत हद तक खत्म हो गया लेकिन सैकड़ों लोगों को रोजी-रोजगार छीन चुके थे...