प्रयागराज, फरवरी 22 -- सेंटर फार कांस्टीट्यूशनल एंड सोशल रिफार्म के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता एएन त्रिपाठी ने कहा कि स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए स्वतंत्र व निर्भीक बार एसोसिएशन का होना जरूरी है। यह संशोधन अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता छीनने वाला है, इससे किसी का हित नहीं होगा। वादकारी यदि अधिवक्ता की बहस से संतुष्ट नहीं तो उसे कार्यवाही का अधिकार देने से विधि व्यवसाय की निर्भीकता समाप्त होगी। जार्जटाउन स्थित कार्यालय में शनिवार को हुई विचार गोष्ठी में उन्होंने कहा कि किसी भी सिविलाइज्ड देश के लिए मजबूत, स्वतंत्र व निष्पक्ष न्यायपालिका का होना जरूरी है। एडवोकेट एक्ट 1961 में प्रस्तावित संशोधन वकीलों ही नहीं, न्यायपालिका एवं सरकार के हितों के भी खिलाफ है। यह संशोधन विधेयक अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को छीनने वाला है। इसे लाग...