जमुई, सितम्बर 8 -- जमुई। कार्यालय संवाददाता भारत राष्ट्र के निर्माण के लिए न जाने कितने लोगों ने अपना बलिदान दिया है।तब हमारा देश एक स्वतंत्र देश के रुप मे हमलोगों को हासिल हुआ।देश को स्वतंत्रता दिलाने के पीछे उन बलिदानियों ने एक सपना देखा था।एक ऐसे भारत के निर्माण की कल्पना की थी जहां न कोई भेदभाव होगा और न ही कोई आपसी विद्वैष। उन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बाद अंग्रेजों ने देश को आजाद तो कर दिया लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत नही बन सका। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल से अधिक बीत गए लेकिन बहुत ही दुख की बात है कि इस देश मे तिरंगे के सम्मान मे हम कोई कार्यक्रम नही कर सकते। हम तिरंगे के मान सम्मान के लिए कोई यात्रा नही निकाल सकते।उन्होंने कहा कि बीते 12 अगस्त को हमारे द्वारा निकाली गई यात्रा को एक राजनीतिक षड्यंत्र के...
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