मोतिहारी, अप्रैल 28 -- महात्मा गांधी की कर्मभूमि व सत्याग्रह की प्रयोगस्थली रही चंपारण की धरती पर कई स्वतंत्रता सेनानी हुए। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह के दौरान विभन्नि मंचों पर महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर काम किया व आंदोलन को सफलता के मुकाम तक पहुंचाया। यहीं से प्रभावित होकर महात्मा गांधी ने देशभर में अंग्रेजी शासन के खिलाफ सत्याग्रह के अस्त्र का इस्तेमाल किया। इन स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों का कहना है कि आज चंपारण की धरती पर ही उनकी उपेक्षा हो रही है। गांधी स्मारक व संग्रहालय में शिलापट्ट पर उनके नाम तक अंकित नहीं हैं। आश्रितों को किसी तरह का प्रशासनिक लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक अदद पहचानपत्र के लिए भी उन्हें सरकारी दफ्तरों में ठोकरें खानी पड़ रही हैं। पूर्वी चंपारण में सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति से ज...