बेगुसराय, अप्रैल 20 -- तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। 1942 क्रांति के बाद प्रगतिशील विचारधारा वाले लोगों की समझ बनी कि शोषण मुक्त दुनिया संभव है। धरती पर समानता, एकता और बंधुत्व कायम की जा सकती है। लेकिन बढ़ते बाजारवाद के कारण अब तक यह संभव नहीं हो पाया है। यह बात अनुग्रह नारायण शोध संस्थान पटना के प्रो. डीएम दिवाकर ने तेघड़ा में आयोजित एक सभा में कही। पूर्व सांसद सूर्यनारायण सिंह की 105वीं जयंती पर सेमिनार में उन्होंने कहा कि सबसे पहले केरल में चुनी हुई सरकार आई। कम्युनिस्ट आन्दोलन के सौ साल चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं का आन्दोलन के कारण ही लोगों को पांच किलो अनाज की गारंटी मिली। मनरेगा के अन्तर्गत 100 दिनों का रोजगार मिला। आरटीआई जैसे मजबूत हथियार मिला। लेकिन लोगों को मिली स्वतंत्रत...