अलीगढ़, अगस्त 13 -- विजयगढ़, हिन्दुस्तान संवाद। भारत की आजादी के लिए न जाने कितनी मां के लालों ने अपने प्राणों की आहुति दी। इनमें क्रांतिकारी रमेश चंद्र आर्य का नाम भी बेहद सम्मान और गर्व से लिया जाता है। महज 32 साल की उम्र में ही देश की आजादी के लिए संघर्ष करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। आज अमृतकाल में अलीगढ़ के पहले अमर शहीद का नाम ही लोग भूल गए हैं। शहीद क्रांतिकारी के नाम पर कस्बा विजयगढ़ में बने स्मारक पर धूल जम रही है। जहां असामाजिक तत्वों का जमघट लगा रहता है। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर कस्बा विजयगढ़ में 20 फरवरी 1911 को लाला बेनी राम आर्य व चमेली देवी के घर में रमेश चंद्र आर्य का जन्म हुआ। कस्बे के मिडिल स्कूल में पढ़ाई की। उस समय ब्रिटिशु हुकूमत के खिलाफ देश में विरोध की चिंगारी सुलग रही थी। महज 15 वर्ष की आयु में रम...