बहराइच, अगस्त 11 -- आजादी के 78 साल बाद भी भवन की हर ईंट संजोए है 14 अगस्त के मध्यरात्रि की खुशियां पं. भगवानदीन मिश्र, सरदार जोगेंदर सिंह झंडा फहराने को लेकर तैयार कर रहे थे रणनीति बहराइच,संवाददाता। गोरों के चंगुल में फंसा देश जब स्वतंत्रता की कल्पना भी नहीं कर पा रहा था। उस समय बहराइच में आजादी के दीवानों का जज्बा अवध क्षेत्र के लोगों में आत्मबल ओर गौरव के भाव भर रहा था। बहराइच में क्रांति की सबसे पहली ज्वाला जलाई, जिसके लौ की रोशनी आज भी इस शहर के एतिहासिक व पुरातात्विक स्थलों से निकलती है। यहां की हवा में आजादी के स्वर गुंजायामान हैं। 15 अगस्त बहराइचवासियों के लिए सिर्फ एक मात्र तारीख भर नहीं, बल्कि ऐसी मनोकामना रही जिसने देश की स्वतंत्रता का एतिहासिक पल से सीधे साक्षात्कार किया है। शहर का कलेक्ट्रेट भवन देश की स्वतंत्रता के अमरगाथा क...