जमुई, सितम्बर 25 -- सोनो। निज संवाददाता "स्वच्छता ही सेवा" का संदेश कागज और पोस्टरों तक सिमट कर रह गया है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन 17 सितंबर से गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक विशेष स्वच्छता ही सेवा अभियान की केवल खानापूर्ति की जा रही, अधिकारी व नेता द्वारा झाड़ू के साथ फ़ोटो सोशल मीडिया पर डालकर इस अभियान के सफलता का ढ़िढोरा पीट रहे हैं। लेकिन वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है। अगर इस अभियान की सार्थकता सिद्ध हो रही होती तो क्या प्रखंड मुख्यालय के स्कूल परिसर में यूं ही कूड़े के ढे़र नहीं पड़ा रहता। प्रखंड में चल रहे स्वच्छता ही सेवा के तहत चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत पदाधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक हाथ में झाड़ू लेकर फोटो खिंचवा रहे हैं। मंचों से स्वच्छता पर लंबा-चौड़ा भाषण भी दिया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि बाजार हो या स्कूल परिस...