बुलंदशहर, अगस्त 2 -- स्याना हिंसा को बीते 78 माह। न्यायालय में पड़ीं करीब 380 तारीख। मामले में 126 गवाह में से पेश हुए 26 और फिर सुनाई गई 38 को सजा। पांच को उम्रकैद। 33 को सात-सात साल कैद की सजा। देश-प्रदेश की नजरें स्याना हिंसा के फैसले पर नजर टिकी हुई थीं। स्याना हिंसा में स्याना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, वहीं, चिंगरावठी के युवक सुमित चौधरी की भी हिंसा में मौत हुई थी। 3 दिसंबर 2018 को स्याना में हुई हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी जांच के बाद पुलिस द्वारा केस में दर्ज एफआईआर में 27 नामजदों और 60 अज्ञात आरोपियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।0 गोकशी के मामले में 11 आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा गया। एसआईटी ने 3 मार्च 2019 को न्यायालय में 38 आरोपियों के खिलाफ पहली चार्जशीट द...