लखनऊ, नवम्बर 29 -- केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य ने ऊर्जा मंत्रालय को विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक के प्रारूप पर अपनी आपत्तियां भेज दी हैं। मंत्रालय से मांग की गई है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए वैकल्पिक रखने के कानून को और मजबूत बनाया जाए। राज्यों के नियामक आयोग की स्वतंत्रता में इजाफा किया जाना चाहिए, न कि इसे कमजोर। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 47(5) उपभोक्ताओं को प्रीपेड या पोस्टपेड मीटर चुनने का विकल्प देती है। इसके उलट यूपी में सभी घरों में पुराने मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है। नए कनेक्शन भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ दिए जा रहे हैं। वहीं, इस धारा में संशोधन का प्रस्ताव भी संशोधन प्रारूप में नहीं है। लिहाजा उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इस धारा को और मजबूत करना चा...