लखनऊ। रोहित मिश्र, अक्टूबर 29 -- स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग को लेकर उपभोक्ताओं में शंका है। वे टेस्ट मीटर के लिए आवेदन कर रहे हैं। पहली दिक्कत तो यह कि उपभोक्ताओं के आवेदन पर कई-कई दिनों तक सुनवाई नहीं हो रही। जिनकी बात सुन भी ली जा रही है, उनके घरों पर टेस्ट मीटर लगाने के आदेश उन्हीं कंपनियों को दिए जा रहे हैं, जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही हैं। यानी, जिन कंपनियों के मीटरों पर उपभोक्ताओं को शंका है, उन्हें ही चेक मीटर भी लगाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। प्रदेश में उपभोक्ताओं के घरों पर लगे पुराने मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदला जा रहा है। कॉरपोरेशन ने सीधे तौर पर मीटर खरीदे नहीं बल्कि कुछ कंपनियों को मीटर बदलने का टेंडर दे दिया है। साथ ही इन्हीं कंपनियों को यह भी आदेश दिए गए हैं कि वे नए कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के यहां भी स...