लखनऊ, अगस्त 10 -- प्रदेश में लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरों पर जनता से लेकर विधायक तक सवाल उठा रहे हैं। बावजूद इसके चेक मीटरों के तौर पर छोड़े गए पुराने मीटरों से स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का मिलान नहीं किया जा रहा है। वह भी तब जबकि केंद्र सरकार ने विश्वसनीयता जांचने के लिए बदले जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के सापेक्ष पुराने मीटरों में कम से कम पांच प्रतिशत लगे रहने देने और उनका मिलान करने के निर्देश दिए थे। बीते दिनों सपा सांसद डिंपल यादव ने अपने क्षेत्र में लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरों पर सवाल उठाए थे और उसके समाधान के लिए दक्षिणांचल के एमडी को पत्र भी लिखा था। डिंपल ने अपने पत्र में कहा था कि लोग शिकायत कर रहे हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उनका बिजली खर्च बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त पावर कॉरपोरेशन में भी लोगों ने स्मार्ट प्रीपेड ...