चंदौली, अप्रैल 14 -- धानापुर, हिन्दुस्तान संवाद। स्नान करने से तन, ध्यान करने से मन और दान करने से धन पवित्र होता है। इसी लिए शास्त्रों में व्यक्ति के लिए स्नान, ध्यान और दान करने को महत्वपूर्ण बताया गया है। उक्त विचार कथा वाचक आचार्य शक्ति तिवारी ने रविवार को शहीद गांव काली मंदिर प्रांगण में आयोजित कथा के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने सनातन की व्याख्या करते हुए कहा कि दुनिया में आदि परमहंस दो ही व्यक्ति हुए। पहले शुकदेव जी और दूसरे दत्तात्रेय जी। आचार्य शक्ति ने कहा कि आज कल धर्म के मायने बदल गए हैं। समाज मे कुछ लोग ऐसे हैं जो दूसरों के बीच में खुद को धार्मिक दिखाने के आडंबर वश धर्म कर्म में जुटे रहते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद के साथ साथ अपने पुत्र एवं कुटुंब के भलाई के लिए धर्म का कार्य करते हैं। इसके इतर कुछ लोग ऐसे भी होते ह...