गौरीगंज, मार्च 5 -- अमेठी। संवाददाता टीकरमाफी आश्रम में सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन किया गया है। पहले दिन बुधवार को कथा सुनाते हुए कथाकार साध्वी पूजा शास्त्री ने कहा कि धुंधकारी उसे कहते हैं जो सारा समय काम सुख और द्रव्य सुख में फंसा रहे। जिसके जीवन में धर्म नहीं बल्कि काम सुख व द्रव्य सुख प्रधान हो। उन्होंने कहा कि धुंधकारी के बारे में लिखा है कि वह स्नान नहीं करता था। क्या इतने बड़े जीवन काल में उसने कभी नहीं स्नान किया होगा। साध्वी ने कहा कि वह स्नान करता था लेकिन स्नान के बाद कोई सत्कर्म नहीं करता था। स्नान के बाद सत्कर्म न किया जाए तो वो शास्त्रों में जोड़ा नहीं जाता। वहीं गुंगवाछ के पूरे शिवचरण गांव में भागवत कथा शुरू होने के पूर्व कलश यात्रा निकाली गई। जो टीकरमाफी आश्रम तक गई। कथा व्यास अखिलेश महाराज ने पहले दिन भागवत कथा की महिम...