लातेहार, जून 7 -- बेतला, प्रतिनिधि। झारखंड विधानसभा प्रत्यायुक्त समिति की बैठक पीटीआर के वनाधिकारियों के साथ शनिवार को बेतला के डायरेक्टर सभागार में हुई। इसमें पीटीआर का कायाकल्प करने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। मौके पर समिति के सभापति सरयू राय ने कहा कि वर्ष 1974 ई में पीटीआर जब अस्तित्व में आया था तो उस वक्त बाघों संख्या अधिक थी। जंगलों की स्थिति भी काफी अच्छी थी। पर समय बीतने के साथ ही पीटीआर में बहुत बड़ा बदलाव आया। अब स्थिति यह है कि स्थायी ठिकाना के बिना पीटीआर के टाईगर टूरिस्ट बन गए। जो कि टूरिस्ट की तरह इधर-उधर घूमते फिर रहे हैं। उन्हें पीटीआर में नए सिरे से बसाने की जरूरत है। उन्होंने टूरिज्म की अपेक्षा वाइल्डलाइफ पर अधिक काम करने की जरूरत बताई। साथ ही कहा कि जानवर रहेंगे तभी टूरिस्ट भी टूरिस्ट भी आएंगे। वहीं सभापति राय ने वन-प...
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