चाईबासा, नवम्बर 12 -- राज्य के कई जिले खनिज संपदा से भरपूर हैं, फिर भी यहाँ के मूल निवासी अपने अधिकारों से वंचित हैं। बड़े उद्योग जैसे सेल (SAIL) और टाटा कंपनी यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन तो कर रहे हैं, परंतु स्थानीय लोगों को उनका उचित रोजगार नहीं दे पा रहे हैं। जहाँ टाटा कंपनी किसी हद तक स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का प्रयास करती है, वहीं सेल में स्थानीयता का प्रतिशत लगभग शून्य है। इसी अन्याय के खिलाफ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु, मेघाहातूबरू और गुवा क्षेत्र में लगातार संघर्षरत है। संघ के महामंत्री श्री राजेंद्र सिंधिया ने पहले भी राज्य सरकार और सेल प्रबंधन से मेडिकल प्रवेश की तर्ज पर 85 प्रतिशत रोजगार राज्य से और 15 प्रतिशत केंद्र से देने की मांग रखी थी। सेल प्रबंधन हर बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता...