वाराणसी, फरवरी 19 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। कृष्णा सोबती स्त्री की प्रामाणिक आवाज हैं। उन्होंने इसकी जगह अर्धनारीश्वर की संकल्पना की। उन्होंने 'हम हशमत उपन्यास पुरुष बनकर लिखा। आलोचना पत्रिका के संपादक प्रो. संजीव कुमार ने मंगलवार को बीएचयू के महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र द्वारा कृष्णा सोबती की जन्मशती पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतिम दिन यह बातें कहीं। संगोष्ठी में जर्मनी से उज्ज्वल भट्टाचार्य, चीन से डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, बनारस से प्रो. अवधेश प्रधान, नेपाल की प्रो. संजिता वर्मा, शाहिना रिजवी, डॉ. कल्पना पंत, डॉ. अवंतिका शुक्ला, डॉ. मिथिलेश शरण चौबे, डॉ. विहाग वैभव आदि ने वक्तव्य दिए। संस्कृति चिंतक प्रो. अवधेश प्रधान ने कहा कि महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र के प्रयास से कृष्णा सोबती की जन्मशती पर यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्र...
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