लखनऊ, सितम्बर 4 -- नगर निगम को स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए आवास विकास परिषद से 45 लाख और एलडीए से 18 लाख रुपये मार्ग प्रकाश मद में मिले थे। कुल 63 लाख रुपये मिलने के बावजूद न तो कोई कार्य हुआ और न ही धनराशि का कोई स्पष्ट हिसाब सामने आया। इस गंभीर मुद्दे को भाजपा पार्षद ने नगर निगम सदन की बैठक में उठाया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर करोड़ों रुपये कहां खर्च हुए और शहर की सड़कों पर अंधेरा क्यों कायम है। पार्षद की बात पर महापौर सुषमा खर्कवाल ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि फंड के दुरुपयोग या गड़बड़ी की पुष्टि हुई तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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