लखनऊ, सितम्बर 24 -- स्टेशनरी विक्रेता एवं निर्माता एसोसिएशन ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर स्टेशनरी और कागज से जुड़े उत्पादों पर टैक्स की दरों में मौजूद विसंगतियों को दूर करने की मांग की है। । एसोसिएशन ने सभी स्टेशनरी उत्पादों को एक समान टैक्स स्लैब में लाने की मांग की है, ताकि व्यापार में आसानी हो और कीमतों में भी स्थिरता आए। एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया कि जहां पेंसिल, रबर, क्रेयॉन और कॉपी जैसे स्कूली उत्पादों पर शून्य प्रतिशत टैक्स लगता है, वहीं स्कूल बैग, ज्योमेट्री बॉक्स, स्केल और वॉटरकलर जैसे अन्य आवश्यक उत्पादों पर 18 प्रतिशत तक का अधिकतम टैक्स वसूला जाता है। इससे व्यापारी और ग्राहक दोनों को ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कागज पर टैक्स की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है, जोकि अव्यवहारिक है।...