औरैया, अक्टूबर 27 -- बिधूना क्षेत्र के बढिन गांव में बना खेल स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित हो सकता था, लेकिन प्रशिक्षकों और संसाधनों की भारी कमी के कारण यह स्टेडियम अपनी असली पहचान नहीं बना पा रहा है। लंबे समय से क्रिकेट, हॉकी और वॉलीबॉल के प्रशिक्षकों के पद खाली हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों की खेल प्रतिभाओं को न तो मार्गदर्शन मिल पा रहा है और न ही आगे बढ़ने का अवसर। स्थानीय खिलाड़ियों का कहना है कि स्टेडियम का निर्माण ग्रामीण खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और प्रतियोगिता का मंच देने के उद्देश्य से कराया गया था, लेकिन फिलहाल यहां नियमित ट्रेनिंग का कोई इंतजाम नहीं है। खेल मैदान में बुनियादी सुविधाओं की कमी, टूटी बाउंड्री और रखरखाव के अभाव में मैदान की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। युवा खिलाड़ी बताते हैं कि वे सुबह-शाम अभ्यास करने तो आते...
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