लखनऊ, सितम्बर 15 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता निकायों को स्टांप शुल्क से मिलने वाले दो फीसदी के खर्च का पूरा हिसाब देना होगा। इसके बाद ही उसे अगली किस्त का पैसा मिलेगा। खर्च का हिसाब न देने की वजह से स्टांप विभाग द्वारा अगली किस्त का पैसा रोक दिया जाएगा। स्थानीय निकाय निदेशक अनुज कुमार झा ने इस संबंध में निकायों को निर्देश भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि स्टाप एवं निबंधन विभाग द्वारा संबंधित संस्थाओं को भुगतान त्रैमासिक आधार पर चार किस्तों में इस शर्त पर किया जाएगा कि पहले मिले पैसे के खर्च का हिसाब से दिया जाए। इसलिए निकायों को अनिवार्य रूप से खर्च का हिसाब देना चाहिए, जिससे किसी भी किस्त का पैसा न रुकने पाए।

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