नई दिल्ली, नवम्बर 26 -- नई दिल्ली, कृष्णा यादव। स्टर्लिंग बायोटेक के संदेसरा बंधुओं को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत ने आर्थिक भगोड़ों से जुड़े मामलों पर नई कानूनी बहस छेड़ दी है। सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आरोपी भी इसी तरह की राहत का रास्ता तलाश सकते हैं। फैसले के बाद बैंक धोखाधड़ी के मामलों में सेटलमेंट मॉडल को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला 19 नवंबर को आए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टर्लिंग बायोटेक के प्रमोटर नितिन और चेतन संदेसरा की 5,100 करोड़ रुपये की निस्तारण पेशकश को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ और आयकर विभाग द्वारा दर्ज सभी मामले संदेसरा बंधुओं के 5,100 करोड़ रुपये जमा करने के बाद बंद कर दिए जाएंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला किसी भी मामले में ...
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