लखनऊ, अगस्त 3 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। वायु प्रदूषण, मोबाइल व कंप्यूटर की स्क्रीन पर अधिक देर तक काम और फास्ट फूड के सेवन से बच्चों में कई तरह की एलर्जी हो रही है। साथ ही बदलती जीवन शैली से बच्चों में एलर्जी की समस्या बढ़ी है। डायपर से भी कुछ बच्चों में त्वचा एलर्जी हो सकती है। यह बातें केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने रविवार को कलाम सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय एलर्जी अपेडट कार्यक्रम में कहीं। डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि भोजन से ग्लूटेन एलर्जी होती है। इसके बाद एलर्जी मार्च होता है। इसमें नाक से पानी, खुजली व नाक बंद होना लक्षण होते हैं। हर तीसरे नाक की एलर्जी वाले बच्चे में एक उम्र के बाद अस्थमा हो जाता है। इनमें सांस फूलने, सीने में जकड़न, चलने में या व्यायाम करने में सांस का दौरा पड़ता है। इसे एलर्जी मार्...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.