लखनऊ, अगस्त 14 -- लखनऊ, प्रमुख संवाददाता विधानमंडल के मानसून सत्र में नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय ने परिषदीय प्राइमरी स्कूलों के मर्जर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि 10 हजार सरकारी विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। आखिर 50 बच्चों का मानक तय करने की क्या जरूरत है। सरकारी विद्यालयों में एससी-एसटी, ओबीसी व गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं। आपने विद्यालय बंद किए तो सपा ने पीडीए पाठशाला खोलकर इन बच्चों को पढ़ाने की कोशिश की। फिर पीडीए पाठशाला खोलने से सरकार हमसे नाराज हो गई। विधानसभा में नेता विरोधी दल ने कहा कि जब हम सरकारी स्कूल में पढ़ते थे तो जूनियर हाईस्कूल में 60 बच्चे थे लेकिन विद्यालय बंद नहीं किया गया। सरकारी स्कूलों में समाज में पिछड़े वर्ग के ही बच्चे पढ़ते हैं। बाल वाटिका चलाना तो ठीक है लेकिन छह वर्ष से कम...