नई दिल्ली, अक्टूबर 10 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 100 प्रतिशत स्कूल फीस बढ़ाने के आरोप वाली याचिका पर दिल्ली सरकार और गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के एक निकाय से जवाब मांगा है। याचिका में शिक्षा निदेशालय से मंजूरी लिए बिना फीस बढ़ाने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता नया समाज अभिभावक संघ के वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि स्कूलों को दिल्ली सरकार से रियायती दर पर इस शर्त पर जमीन मिली है कि किसी भी शुल्क वृद्धि को शिक्षा निदेशालय (डीओई) से मंजूरी लेनी होगी। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने प्रतिवादी 'एक्शन कमेटी अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स के वकील से पूछा कि आप इस पर कैसे काबू पाएंगे? पीठ ने याचिका पर भाजपा नीत दिल्ली सरकार और निजी स्कूलों के संगठन को नोटिस जारी किए। पीठ ने इस दलील पर गौर किया...